तेरे बिना

तेरे बिना सूना लागे जिया
तेरे बिना कुछ न भावे पिया

खाली खाली हर कोना मेरे मन का कहे
तू जो नहीं हर पल ये तेरा न होना सही
तेरे बिना सूना लागे जिया
तेरे बिना कुछ न भावे पिया

आँखों में अब भी वही ख़्वाब है
साँसों में मेरी सिमटी तेरी सांस है
धड़कनों को अब भी वही आस है
यादों में मेरी रहती तू दिन रात है
क्या वजह है तू यूँ मुझसे नाराज़ है
ये खला ये ख़लिश मुझको नहीं रास है
मेरा जहाँ बिखरा जाए यहाँ

तेरे बिना सूना लागे जिया
तेरे बिना कुछ न भावे पिया