तुम और मैं

तुम कुछ नहीं होबस मेरी ज़िन्दगी होमैं कुछ नहीं हूँऔर तुम मेरी तिश्नगी हो शाम सहर, रात दिनहर एक पहर , पल छिनहर नफ़स, हर घड़ीधड़कनों की… Read more “तुम और मैं”